जन्माष्ठमी आने को है और बाल गोपाल को घर में आमंत्रित करने के लिए हमारे साथ इस साल कुछ नए सजावट के तरीके अपनाएं ताकि वो और भी स्वागतमय लगे। अधिकतर घरो में नन्हे बाल गोपाल इस दिन फूलों, गहने और नए कपड़ो में लदे हुए घंटी लगे हुए झूले पर डोलते हुए नज़र आते है। इस दिन उनके सामने तरह-तरह के पकवानो के साथ-साथ ढेर सारा मक्खन भी परोसा जाता है जिसे विशेष रूप से कृष्ण प्रशंसकों अपने हाथों से बनाते हैं।
त्यौहार ही सही समय होता है जब हम घर के हर कोने को साफ़ करके उन्हें नयी सज्जा और रूप-रंग देते हैं, तो क्यों न आने वाले दिनों में हर कमरे को कृष्णा और राधा के आगमन के लिए तैयारी शुरू कर दें। हालांकि हम सभी त्यौहार आने पर पूजा कक्ष या मंदिर के सजावट पर ज़ियादा ध्यान देते हैं पर इस बार पूरे घर को एक नया प्रकटन दें और भगवन कृष्णा के साथ आने वाले मेहमानो को भी लुभावना अनुभव दें।
वे दिन गए जब लोगों ने जन्माष्टमी को नीला, लाल, पीला, सोना और हरे रंगों के मिश्रण से कुछ सजावट बना कर इस पर्व को मनाया करते थे। समय बदल गया है और दुनिया सजावट के आधुनिक तरीकों की ओर बढ़ रही है इसलिए हर सज्जा सूक्ष्म रखें और कमरे के आस-पास दीवार पर कलाकारी कर सकते हैं। यहाँ पर चित्रित सुन्दर राधा और कृष्ण की तस्वीर वॉलपेपर खासकर नीले रंग में आकर्षक और शानदार सज्जा है जो शायद कम ही लोग कल्पना कर पाएं ।
जिस तरह दिवाली में लक्ष्मीजी का आवाहन करने के लिए घर को रौशनी से सजाते है उसी तरह जन्माष्टमी में भी बहुरंगी रंगबिरंगी बत्तियों का उपयोग करने की प्रवृत्ति प्रचलित है जिसे केवल अपने घर के अंदर तक ही हम सिमित रखते हैं । इस बार क्यों न चारो तरफ फैलने वाली रोशनी का इस्तेमाल करें, जो इस तरह के खूबसूरत आकर में हो और बेहतर विकल्प हो सकता है। चाहे घर के हर कमरे में जलाये या सिर्फ पूजा कमरा आपके घर का मंदिर आकर्षण का केंद्र होना चाहिए और इस तरह, रोशनी की एक उचित सज्जा का उपयोग करें ताकि यह सोने की चमक के साथ कमरे के हर हिस्से को रोशन करे।
जन्माष्टमी के अवसर पर, अपने घर को सजाने के लिए उत्कृष्ट मोर पंख की तुलना और क्या वस्तु हो सकती है। आप इसे किसी भी रूप में कुशन, बर्तन, दीवारों या कहीं भी चित्रित कर सकते हैं, और घर में लोककथाओं के टुकड़ों का शानदार स्पर्श दे सकते हैं।
मयूर के आकार या मयूर पंखों के रंगो से सजे दीवार पर स्टीकर प्राप्त करें और इस तरह पूजा घर और घर के बाकी कमरों को अनोखा अंदाज़ प्रदान करें। इस सुन्दर जन्माष्टमी के प्रसग को उजागर करने के लिए दीवार पर मोर के साथ-साथ कुशन और बाकी साजा समान में भी मोर के रंग और आकर को चित्रित किया गया है। आखिर सब जानते है की कृष्ण को सुन्दर चीज़ें कितनी पसंद है, है ना?
इस दिन हर घर में कृष्ण जी की मूर्ति को झूले में सजाकर झुलाया जाता है और उनकी प्रिय सखी राधा का भी ख्याल रखा जाना चाहिए। हालांकि बहुत से लोग भगवान कृष्ण की मूर्तियों की बजाए बांसुरी की पूजा करना पसंद करते हैं, इसलिए आपके पारिवारिक परंपरा के मुताबिक सिर्फ भगवन के चिन्हों की पूजा करें या उनकी मूर्ती की पर अगर राधा-कृष्णा की मूर्तिया एक साथ हूँ तो पूजा सम्पूर्ण मानी जाती है।
रात की तरह नीला रंग कृष्ण के साथ जोड़ा जाता है जो कमरे को शांत और लुब्भावना रूप देता है ताकि भगवान कृष्ण भी इस घर की यात्रा करना पसंद करें। आपको त्योहार को भव्य और खुशहाल बनाने के लिए घर को पूरी तरह से शानदार बनाना आपका हक़ है जैसे की इस आधुनिक बैठक में आप देख सकते हैं।
छोटे बाल गोपाल भक्तों के लिए हर रूप में प्रिय है – चाहे राधा और गोपियों के साथ रासलीला करते हुए है दोस्तों के साथ मक्खन चुराते हुए। यह आखिर उनका जन्मदिन है और सभी शरारती आज स्वीकार्य हैं, है ना? मूर्तियों को कुछ पंख और आभूषणों के साथ अलंकृत करें क्योंकि भगवान कृष्ण हमेशा आभूषण से सजे रहते हैं।
घर के प्रवेश द्वार पर अपनी रंगोली में खूबसूरत रंग और एक सुंदर मोर या फूल जोड़कर एक ऐसी आकर्षक रूपरेखा खीचें की देखने वालो को अंदर प्रवेश कर बाकी को सज्जा को देखने का मन करे। अपने रचनात्मक गुणवत्ता को उजागर करने के लिए फूल और रंगो को जोड़कर कुछ नए उपयोग करके देखें।
हर हिन्दू पर्व में पूजा थाली का ख़ास महत्व होता है और कृष्णा की अर्चना में अगर उनके पसंदीदा व्यंजन अगर खूबसूरत थाल में अरपित किये जाएँ तो कितना अच्छा हो । यह आकर्षक संगमरमर के थाल में मोर पेंटिंग या स्टिकर के साथ अलंकृत पूजा थली आपके पूजा का पूरक है। अपने पसंदीदा फूलों का उपयोग करें और इसे मक्खन और लड्डुओं के साथ अलंकृत करें।
पूजा कमरे को खूबसूरत रौशनी से सजावट करने के विचारों को भी देखना न भूलें