आपके घर में खुशहाली लाने के लिए 7 वास्तु युक्तियाँ

Rita Deo Rita Deo
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वास्तु शास्त्र कला, खगोल विज्ञान और ज्योतिष का अद्भुत मिश्रण है जो इमारत को डिजाइन करने के लिए प्राचीन रहस्यवादी विज्ञान या दर्शन भी कहा जा सकता है जो कि घर को शांतिपूर्ण और सुखमय बनाने में सहायता करता है। वास्तुकला वो विज्ञान है जो प्रकृति के पांच तत्वों वायु, जल, पृथ्वी, आकाश और आग को जोड़ता है:और उन्हें घर के निवासियों और वस्तुओ के साथ संतुलित करता है। वास्तु का मूल सिद्धांत घर के सारे तत्वों के बीच संतुलन बनाये रखना है ताकि घर सदस्यों में मानसिक शांति बनी रहे तथा स्वास्थ्य, धन, सौभाग्य और समृद्धि को बढ़ाने का अवसर भी प्राप्त हो।

वास्तुशास्त्र कोई जादू की छड़ी नहीं है जो रात भर में आपकी जिंदगी को बदले दे पर ये एक अनुशासन है जो जीवन में धीरे-धीरे सकारात्मक ऊर्जा भरने के लिए कार्य करती है। यद्यपि आम तौर पर भारतीय घरो को वास्तु शास्त्र के मूल सिद्धांतों के अनुसार तैयार किया जाता है पर जीवन में सुख, समृद्धि और सकारात्मकता लाने के लिए घर के सजावट में कुछ मूल सजावटी तत्वों को अपनाया जा सकता है। हमने इस विचार पुस्तक में 7 सरल विशाल युक्तियां संकलित की हैं जो हर घर में खुशहाली, शांति और  समृद्धि ला सकते हैं।

1. प्रभावशाली स्वागत द्वार

वास्तु के अनुसार सुंदर प्रवेश द्वार, धन और समृद्धि को आकर्षित करती और इसे हमेशा उत्तर या पूर्वी दिशा में खुलना चाहिए। प्रवेश द्वार का दरवाजा ठोस लकड़ी का अधिमानतः होना चाहिए और इस क्षेत्र के बाहर और अंदर की ओर अच्छी तरह से व्यवस्थित, उज्ज्वल और साफ़-सुथरा रखें। द्वार के पास जूते का रैक रखने से बचें, क्योंकि ये सकारात्मक ऊर्जा को अवरोधक माना जाता है। प्रवेश द्वार पर नाम पट्टी डाल कर समृद्धि के आगमन को सुनिश्चित करें।

2. समृद्धि का आकर्षित करें

यदि प्रवेश द्वार के सामने दीवार है, तो उसे नग्न न छोड़ें क्योकि खाली दीवार अकेलेपन का प्रतिनिधित्व करती है। अगर खाली दीवार प्रवेश द्वार के विपरीत हो तो उदासीनता और नकारात्मक को आकर्षित करती है इसलिए इस दीवार पर कुछ अच्छे चित्र या अपनी रचनात्मकता को दर्शाने के लिए इस तरह के सज्जा बनायें। भगवान की तस्वीर या मूर्ति के साथ आकर्षक रौशनी, फूलों से भरे पौधे को भी रख सकते हैं; सब आप पर निर्भर है।

3.खुशियों से भरा बेडरूम

अगर नींद अच्छी न हो तो स्वस्थ भी धीरे-धीरे बिगड़ जाता है इसीलिए वास्तु के नियमों के अनुसार बेडरूम की व्यवस्था पर ख़ास ध्यान रखना चाहिए। आरामदायक और दोष रहित बेडरूम के लिए बिस्तर को दक्षिण-पश्चिम दिशा में रखें और उसमे प्राकृतिक रौशनी तथा हवा का आना-जाना निश्चित करें। खिड़कियों को हर दिन कुछ मिनटों के लिए खोलकर रखें ताकि कमरे में ताजा हवा का प्रवाह हो और बिस्तर के चारो ओर कुछ फ़ीट की दूरी तक कोई बाधा न रखें तथा दीवारों का रंग हल्का रखें। युगल जोड़े के बैडरूम में दो अगल-बगल गद्दों के बजाय एक बड़ा गद्दे को रखें क्योकि यह एकता का प्रतीक है।

4. खुशियों का प्रतिबिम्ब

दीवार पर सुन्दर प्राकृतिक दृश्य जैसे बहता पानी, हरियाली भरे पहाड़ एवं जंगल तथा परिवार के साथ बिताये हुए खुशहाली के पलों के चित्रों सजाएँ जिससे घर और जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का सञ्चालन बना रहेगा। चित्रकला जितनी अधिक हर्षोउल्लास को दर्शाएगी उतनी अधिक सकारात्मक ऊर्जा आकर्षित करती है इसीलिए हर कमरे में ताजा हवा और प्राकृतिक रोशनी का संचार होने भी बहुत ज़रूरी है। इस सकारात्मक ऊर्जा से घर में धन और समृद्धि हमेशा पर्याप्त मात्रा में रहेगी।

5. सकारात्मक ऊर्जा के लिए एक्वेरियम

घर में एक मछलीघर या एक्वेरियम के साथ घर में सकारात्मक ऊर्जा लाएं क्योकि ये शांति, सहृदयता और धन को आकर्षित करती है। सुनिश्चित करें की एक्वेरियम साफ़ रहे और मछलियां हमेश स्वस्थ, रहें तथा मरे और बीमार मछलियों को तुरंत अलग करें। एक्वेरियम में मछलियों के निरंतर सक्रिय रहने से घर में सकारात्मक ऊर्जा के प्रवाह को बनाए रखेगा। इस वास्तुशास्त्र के विचार से अत्यधिक फ़ायदा हासिल करने के लिए एक्वेरियम को उत्तर-पूर्वी या दक्षिण-पूर्वी दिशा में बैठक या भोजन गृह में रखें जहा घर के सदस्य अपना सबसे ज़ियादा वक़्त बिताते हों ।

6. रसोईघर में शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व

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वास्तु शास्त्र घर में सकारात्मक और नकारात्मक उर्जाओ के बीच संतुलन बनाये रखने में सहायता करता है ताकि घर में शांति और समृद्धि बनी रहे और जीवन सुखमय हो। रसोई हर घर का खाद्य केंद्र होता है इसलिए संतुलन बनाये रखना ज़रूरी है क्योंकि प्रकृति के दो विपरीत ऊर्जाएं जैसे अग्नि और पानी यहाँ मौजूद हैं। रसोईघर में सिंक और स्टोव को एक-दूसरे जितनी संभव हो उतनी दूरी बनाये रखें तथा कोशिश करें के दोनों एक पंक्ति में न हों।

7- बहते पानी की सकारात्मक ऊर्जा

चमकदार साफ कांच की खिड़कियां और दरवाजे, घर और जीवन में शुद्ध और सकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करती हैं। यदि आँगन या बैठक में स्थान है तो घर के उत्तर-पूर्व दिशा में बाहर या अंदर एक फव्वारा स्थापित करें और सुनिश्चित करें कि पानी का प्रवाह निरंतर बना रहे। बहता पानी सकारात्मक ऊर्जा, शक्ति और समृद्धि के प्रवाह का प्रतीक है। 

इनमें से कौन से युक्तियाँ आप अपनाना चाहेंगे?

इस तरह की कुछ और वास्तु युक्तियों के लिए इस विचार पुस्तक को देखें ।

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